रेलवे का विकास

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1. भू राजस्व पद्धति2. कृषि का वाणिज्यिकरण3. भारतीय हस्तशिल्प उद्योगों का  विनाश  4. भारतीय भारतीय धन का निष्कासन5. भारत में रेलवे का विकास6. भारत में आधुनिक उद्योगों का विकास

7. भारत में अकाल[vvi]

                        
                                 रेलवे का विकास 

इस चैप्टर को पढ़ने से पहले मुख्य टॉपिक को ध्यान में रखते हुए पढ़ेंगे जैसे 

उद्देश्य 


  • बेहतर आधुनिक संचार साधन 
  • सम्राज्य की सुरक्षा में सहायक 
  • आर्थिक शोषण में सहायक 
  • विदेशी पूंजी निवेश में सहायक 

कब 


  • 1853 

कौन 


  • लॉर्ड डलहौजी 

कहां 


  • बम्बई थाने के बीच 

विकास तरीका 


  • विदेशी निजी कंपनी द्वारा 
  • सरकार द्वारा दूसरे चरण में 
  • तीसरे चरण में सरकार+ निजी कंपनी के दोनों द्वारा 



इसका प्रभाव 


  • सकरात्मक 
  • नकारात्मक 

समीक्षा 

इससे जुड़े कुछ प्रश्न 


उद्देश्य 


    भारत में रेलवे का विकास हुआ तो उस विकास के पीछे जो सबसे पहले बिंदु उभरकर आती है वह यह है की रेलवे आधुनिक कार्य का एक बेहतर संचार का साधन है दूसरा उद्देश्य यह है सम्राज्य की सुरक्षा प्रदान करना क्योंकि साम्राज्य जब तक सुरक्षित नहीं रहेगा तब तक जो हमारा आर्थिक उद्देश्य है वह पूरा नहीं हो पाएगा और इसलिए यह संचार का माध्यम हमारे साम्राज्य के सुरक्षा के हित से भी हमारे लिए अति आवश्यक है और तीसरा इस आधुनिक संचार साधन के माध्यम से हम भारत का अत्यधिक यहां का भौतकि संसाधन का दोहन कर सकते हैं और शोषण कर सकते हैं जैसे कच्चा माल चाहिए तो कच्चा माल के लिए जो उत्पादन केंद्र है उसको बंदरगाह से जोड़ना होगा उत्पादन केंद्र को शहरों से जोड़ना होगा तभी जाकर के हमारा सामग्री लोगों तक पहुंचेगा तो आर्थिक शोषण के दृष्टिकोण से भी यह संचार का साधन हमारे लिए सहायक और अगला है भारत के ब्रिटेन में जो औद्योगिक क्रांति हुआ और उस के माध्यम से जो मध्यम वर्ग उभरकर आया जिसके पास अत्यधिक संपत्ति हो चुकी थी और उस संपत्ति को एक सुरक्षित निवेश के लिए स्थान चाहिए था और हिंदुस्तान से ज्यादा महफूज उस संपति से सुरक्षा के लिए कोई अच्छा स्थान नहीं था| यानी कि रेलवे के माध्यम से हमारे यहां के निजी संपत्ति जो है उसका निवेश भी हिंदुस्तान में हो सकता है यानी कि एक रेलवे के विकास से हम इतने उद्देश्यों को पूरा कर सकते हैं तो ब्रिटिश सरकार का रेलवे के पीछे इतने सारे उद्देश्य थे


    भारत में रेलवे का विकास का पद्धति 

    भारत में रेलवे का विकास ब्रिटेन के निजी कंपनी के पूंजी निवेश के माध्यम से शुरू हुआ इन कंपनियों को ब्रिटिश सरकार ने यह आश्वासन दिया कि उनके कुल पूंजी निवेश पर ब्रिटिश सरकार 5% का लाभांश देगा| जबकि ब्रिटेन में यह लाभांश का दर केवल 2 % था| यह सिद्धांत पूंजीवाद के सिद्धांत का अवहेलना करता है क्योंकि पूंजीवादी सिद्धांत के अनुसार निजी निवेशक द्वारा प्राप्त लाभ उसके द्वारा लगाए गए पूंजी तथा जोखिम का परिणाम होता है लेकिन यहां पर पूंजी का निवेश कंपनी कर रही है और उसका जोखिम सरकार उठा रही है|
     इसी प्रक्रिया को प्रसिद्ध इतिहासकार सुमित सरकार ने सार्वजनिक जोखिम वर्ग पर निजी निवेश की प्रक्रिया कहते हैं| 
                                भारत में रेलवे का विकास 1869 के बाद स्वयं ब्रिटिश सरकार के माध्यम से होने लगा1880 के आते-आते ब्रिटिश सरकार के समक्ष वित्तीय समस्याएं उभर कर आने लगी ऐसे में पुनः ब्रिटिश सरकार एवं म्यूजिक कंपनी मिलकर भारत में रेलवे की विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया लॉर्ड कर्जन किस समय में भारत में सबसे ज्यादा रेलवे का विकास हुआ लॉर्ड कर्जन के द्वारा एक रेल आयोग का गठन किया गया ताकि रेल के विकास की प्रक्रिया को नियंत्रण संरक्षण एवं निर्देशन प्राप्त हो सके|1921 में रेलवे के विकास के संदर्भ में एक्वर्थ [yekvartha aayog] आयोग का गठन किया गया और इसी आयोग के सिफारिश पर रेलवे बजट को सामान्य बजट से अलग कर दिया गया और इसी तरह ब्रिटिश काल में भारतीय रेलवे का विकास होता रहा
    प्रश्न यह है कि ब्रिटिश काल में होने वाला रेलवे का विकास भारतीय समाज, संस्कृति ,अर्थव्यवस्था, के लिए कहां तक लाभकारी साबित हुए?

    रेलवे का नकारात्मक प्रभाव 


    • भारत में रेलवे के विकास में भारतीय हस्तशिल्प उद्योगों के विनाश की प्रक्रिया को तीव्र कर दिया| 
    • रेलवे के विकास ने भारत में आधुनिक उद्योग के विकास की प्रक्रिया को भी अवरुद्ध कर दिया, क्योंकि इसके माध्यम से कच्चे मालो की निर्यात की प्रक्रिया और तीव्र हो गई| 
    • रेलवे की विकास ने भारतीय कृषि के विनाश के लिए कुछ हद तक उत्तरदाई थी, क्योंकि सरकार ने कृषि के लिए अनिवार्य नहरों के विकास के स्थान पर रेलवे का विकास किया और इसलिए यदि पर्याप्त सिंचाई के साधनों के अभाव में कृषि की उत्पादकता घटी तो रेलवे इसके लिए जिम्मेदार[ उत्तरदाई] मानी जाएगी| 
    • कुछ विद्वानों को मानना है कि रेलवे ने अकालो के उद्भव एवं उनकी निरंतरता को भी बढ़ाने में सहायक रहा| क्योंकि एक ओर तो इसके विकास के कारण सिंचाई के साधन के रुप में नहरों का विकास नहीं हुआ, तो दूसरी ओर इसने खाद्यान्नों के निर्यात के प्रक्रिया को भी त्वरित कर दिया| यह इतिहास का विडंबना है, की एक ओर अकाल के कारण लोग दरिद्रता के के शिकार थे तो दूसरी ओर भारत से यूरोप में अनाजो का निर्यात हो रहा था| ऐसे में रेलवे अकाल से मृत लोगों को  वाली एंबुलेंस के रूप में काम किया ना की राहत सामग्री पहुंचाने वाली संचार के माध्यम में| 
    • भारत में रेलवे के विकास ने धन के निष्कासन की प्रक्रिया को भी त्वरित कर दिया| 


    सकारात्मक प्रभाव आर्थिक रूप से


    • रेलवे के विकास ने अनचाहे रूप में ही सही भारत में आधुनिक उद्योग के प्रक्रिया को प्रारंभ किया क्योंकि इसके द्वारा उत्पादक केंद्र को बाजार से जोड़ा गया और इस तरह 19वीं सदी में कपड़ा उद्योग जूट उद्योग एवं खनन उद्योग की शुरुआत हुई और इसी क्रम में बीसवीं सदी में इस्पात सीमेंट रबर माचिस इत्यादि उद्योग उभरकर आने लगे लेकिन यह उद्योगिक विकास अपने संभावनाओं से कम था क्योंकि सरकार राष्ट्रीय ना होकर साम्राज्यवादी था| 


    समाजिक स्तर पर प्रभाव 


    • एक बेहतर संचार के साधन के रूप में रेलवे ने ग्रामीण क्षेत्रों को शहरों से जोड़ने का काम किया और इस तरह शहरीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहन प्राप्त हुआ इसी तरह रेलवे ने भारत में धर्म जाति लिंग क्षेत्र  स्तरों  पर व्याप्त अलगाव को दूर कर एक लोकतांत्रिक समाज के निर्णय हेतु मार्ग प्रशस्त र्किया या आधार दिया और यही आधार कालांतर में भारत में समाज और धर्म सुधार आंदोलन के लिए एक सकारात्मक रचनातमक पृष्ठभूमि प्रदान किया| 


    राजनीतिक स्तर पर 


    • रेलवे के विकास में राजनीतिक स्तर पर भी एक सकारात्मक पृष्ठभूमि प्रदान किया इसी के माध्यम से भारतीय राष्ट्रवाद को एक अखिल भारतीय राष्ट्रवादी राजनीतिक का मंच प्राप्त हुआ जैसा कि गांधी ने अपने जन् आंदोलन के क्रम में रेलवे के माध्यम से ही भ्रमण करते हुए सम्मान्य लोगों के साथ जनसंपर्क स्थापित करते थे| 


    समीक्षा 


    • स्मरणीय है कि भारत में रेलवे का विकास साम्राज्यवादी सरकार ने निसंदेह अपने साम्राज्यवादी सरकार ने अपने साम्राज्यवादी हितों की पूर्ति हेतु किया लेकिन उसमें उसी उद्देश्य में भारतीय राष्ट्रवाद के लिए कुछ सकारात्मक तत्वों भी मौजूद थे जो साम्राज्यवादी सरकार के उद्देश्य का प्रत्यक्ष प्रतिफल नो होकर अप्रत्यक्ष प्रतिफल था 


    इनसे जुड़े कुछ प्रश्न 

    भारत में रेलवे का विकास सार्वजनिक जोखिम पर निजी निवेश जैसे परिघटना था.?? 
    भारत में रेलवे के विकास में नकारात्मक एवं सकारात्मक दोनों परिणाम दिए..??

    2 comments:

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